Madhu varma

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लेखनी कविता -मच्छरदानी - बालस्वरूप राही

मच्छरदानी / बालस्वरूप राही


पापा लाए मच्छरदानी,
हुई मच्छरों को हैरानी।
मैं मच्छरदानी के अंदर,
भिन्न-भिन्न करते मच्छर बाहर।

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